मिचकुरिन गांव की बिगड़ी बिजली व्यवस्था को जल्द दुरुस्त करवाये प्रशासन-निखिल गौतम
Aryan Sharma
ग्राम पंचायत मझगवाँ से सटे हुए मिचकुरिन गाँव में 10 दिन से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी विधुत विभाग के कर्मचारी यह सुध तक लेने में नाकाम रहे की यहाँ के वासिंदे बिना बिजली के जी रहे होंगे या इस भीसड़ गर्मी में उनकी हालत मारने लायक हो गई होगी.मिचकुरिन में 300 से अधिक लोग रहते हैं और उनका जीवन बिजली पर इसलिए आश्रित माना जा सकता है क्योंकि इस गाँव की जल व्यवस्था बिजली पर ही आधारित है इसके अलावा पहाड़ और जंगल चारो तरफ होने के कारण यह जंगली जीवो का खतरा आम लोगो के लिए प्रकाश के बिना अत्यधिक हो जाता है साथ ही जहाँ इस भीसड़ गर्मी में हमें पंखे और कूलर में आराम नही लग रहा वहाँ इन अभागे ग्रामीणों को कृतिम हवा की एक लुआर तक नसीब में नही है।
ग्रामीणों ने सौपा ज्ञापन लेकिन साहब ने नही ली सुध
ग्रामीणों ने निखिल से बताया कि पूर्व में हमने अनेको बार विधुत विभाग के जेई को लिखित आवेदन दिए हैं लेकिन साहब ने हमारी समस्या की तरफ ध्यान देना तक में अपनी तौहीन मानी है,क्या हम लोगो को चैन से जीने का अधिकार नही है?क्या हम लोगो के साथ यह अन्याय इस लिए हो रहा की हम आदिवासी मजदूर हैं और दिन भर आपके हुकुमो को मान कर आपका काम करते हैं?
इन बातों के जवाब चाहे जो हो लेकिन एक बात तो तय मानी जायेगी की आज भी हमारे देश में आदिवासी होना एक श्राप के बराबर है।
समस्या ठीक नही हुई तो होगा आंदोलन – निखिल
निखिल गौतम ने प्रशासन को चेताते हुए कहा है कि यदि जल्द ही मिचकुरिन की बिजली व्यवस्था बहाल नही हुई तो हम मझगवाँ के युवाओं के साथ जनांदोलन करेगे जिसकी जवाबदारी बिजली विभाग के लोगो की होगी.