यूपी में होने वाला है कोई बड़ा खेल,अमित शाह और राजा भइया के बीच देर रात हुई मुलाकात
यूपी में होने वाला है कोई बड़ा खेल,अमित शाह और राजा भइया के बीच देर रात हुई मुलाकात
नई दिल्ली।लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद देश में सियासी पारा लगातार ऊपर चढ़ रहा है।चुनाव की वजह से कई सियासी समीकरण बन रहे हैं और टूट रहे हैं।इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया की बेंगलुरू में मुलाकात हुई है।खबर सामने आई है कि गृह मंत्री अमित शाह और राजा भइया के बीच अभी एक राउंड और बातचीत होगी।
मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव में राजा भइया और उनके प्रभाव वाली लोकसभा सीट पर किस तरह से भाजपा जीत दर्ज सके इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राजा भइया के बीच बात हुई है।साथ ही राजपूतों की नाराजगी का मुद्दा कैसे सुलझाया जाए इस पर भी चर्चा हुई है।बता दें कि सियासी गलियारों में चर्चा है कि उत्तर प्रदेश में पहले दो चरण के मतदान में राजपूतों की नाराजगी से भाजपा को नुकसान हो सकता है।वहीं राजा भइया यूपी के बड़े राजपूत नेता माने जाते हैं।ऐसे में आने वाले चरणों में भाजपा को राजपूतों की नाराजगी न झेलनी पड़े इसलिए पार्टी हर तरह की कोशिश कर रही है।
बताते चलें कि इस बीच राज भइया के कार्यकर्ता पार्टी को लेकर बयानबाजी कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें नसीहत दी गई।पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा था कि विगत 3 से 4 दिनों से देखा जा रहा है कि जनसत्ता दल के कुछ कार्यकर्ता सोशल मीडिया और कई वॉट्सऐप ग्रुपों में किसी अन्य दल के साथ संभावित गठबंधन की चर्चा कर और अनुशासन में न रहकर बयानबाजी कर रहे हैं।आप सभी से आग्रह है कि जनसत्ता दल के किसी भी गठबंधन में शामिल होने या न होने जैसे मुद्दों पर किसी भी प्रकार के अनावश्यक टिप्पणी, कयास लगाने या किसी भी प्रकार की मीडिया बाइट देने से बचें।बयान ने आगे कहा गया कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री राजा भइया जी का निर्णय सदैव जनसत्ता दल के हित में रहा है।पार्टी के हित में लिए जाने वाला कोई भी निर्णय आधिकारिक रूप से आने तक कृपया अफवाहों और अनुशासनहीन व्यवहार करने से बचें।
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी से राजा भइया और विनोद सरोज ने जीत हासिल की थी।इस प्रकार जनसत्ता प्रदेश की चार दशक पुरानी बसपा से विधानसभा में सीटों के मामले में दोगुना के स्तर पर पहुंच गई थी।वहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के समकक्ष यूपी में राजा भइया की पार्टी स्थान रखती है। बसपा को विधानसभा चुनाव में 1 और कांग्रेस को 2 सीटों पर जीत मिली थी।