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ठेकेदार को मजदूरों का शोषण करने का अधिकार किसने दे रखा है?*

लगातार 5 दसकों से हो रहा मजदूरों का शोषण जिम्मेदार बेखबर*

*बरही -* कटनी जिले की विजयराघवगढ़ व बरही तहसील में संचालित भारत सरकार का उपक्रम कुटेश्वर लाइन स्टोन माइंस गैरतलाई में लगभग 5-6 दसकों से बड़ी-बड़ी गहरी खदानों से हैवी ब्लास्टिक कर पत्थर निकाल कर क्रेशरों के माध्यम से साइज बनाकर सैकड़ो हाइवों के माध्यम से ट्रांसपोर्ट कर खन्ना बंजारी रेलवे साइडिंग में डंप कर रैक के माध्यम से सैल परिवहन करती है 58 बैगन का एक रैक आता है जिसे मजदूरों के द्वारा कड़ी मेहनत कर लोड किया जाता है एक बैगन में कुल 14 मजदूर होते हैं इस तरह 58 डिब्बों में कुल 1012 मजदूर पच्चासों वर्षों से रैक लोडिंग का कार्य करते चले आ रहे हैं
रेलवे स्लाइडिंग खन्ना बंजारी में कार्यरत हजारों मजदूर जो पत्थर लोडिंग का कार्य करता है जिसे श्रम विभाग के नियमों के अनुसार उसका अधिकार नहीं दिया जा रहा है

*बिना सुरक्षा उपकरण के होती है लोडिंग*

सैल प्रबंधन के सह से ठेकेदार मजदूरों का कर रहा जमकर शोषण हजारों मजदूर कठिन मेहनत कर पत्थर लोडिंग बैगनों में लोड करते हैं उनके सिर हाथ पैर में पत्थर गिरकर चोट पहुंचाते हैं मजदूरों को पत्थर लोडिंग के समय उनके सुरक्षा को ध्यान रखते हुए सुरक्षा उपकरण मुहैया कराना चाहिए पर सभी मजदूर के जिम्मेदार अधिकारी मौन धारण कर बैठे हैं रोज मजदूर हो रहे हैं चोटिल

*नहीं है प्राथमिक उपचार की व्यवस्था*

रेल्वे साइडिंग खन्ना बंजारी में 58 बैगन का एक रैक लगता है जिसमें 1012 मजदूर बैगन लोडिंग का काम करते हैं
जिसमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं वहां कम से कम एक डॉक्टर तो रखना चाहिए मजदूरों को तुरंत उपचार हेतु प्राथमिक उपचार की सुविधा देना चाहिए पर ठेकेदार की दादागिरी के आगे सब नत मस्तक हैं और मजदूरों के अधिकारों का हनन है।

*यहां का मजदूर डरा सहमा है*

कुटेश्वर लाइंस स्टोन माइंस में कार्यरत समस्त मजदूरों से जब भी मीडिया उनकी पीड़ा जाननी चाहती है तो उनका कहना साहब आज हम आपसे अपनी समस्त मजदूरों की पीड़ा बताएंगे कल हमें काम से भगा दिया जाएगा हमको बलि का बकरा नहीं बनना है सब कोई जानता है कि माइंस से लेकर रेल्वे साइडिंग तक मजदूरों का शोषण 50 वर्षों से चल रहा है ठेकेदार के साथ सभी जिम्मेदार व प्रतिनिधि मिले हुए हैं यहां के मजदूरों का शोषण कोई नहीं रोक सकता क्योंकि सबको अपना कमीशन चाहिए 1012 मजदूरों के माथे पर 19 वीं सदी का डर आज 21वीं सदी में मौजूद है इतना डर किसका है बहुत बड़ा प्रश्न है मजदूर डरा व सहमा है ?

*लोडिंग प्वाइंट के सुपरवाइजरों की दादागिरी हावीं*

रैक लोडिंग साइड में ठेकेदार के चमचे मुंशी की दादागिरी मजदूरों पर हावी है मजदूरों को डराना धमकाना लगातार चल रहा है मजदूरों की मानें तो मजदूरों को मुंशी के द्वारा कई तरह से धमकाया जाता है क्या कहां जाता है कि गैरहाजिरी लगा दूंगा, भगा दूंगा, मजदूरी कटवा दूंगा ,हमेशा के लिए काम से भगा दूंगा, आपके बदले में तुम्हारे परिवार को काम नहीं करने दूंगा यह सब पीड़ा से मजदूर आज भी 21 वीं सदी में दबा हुआ है क्यों सबसे बड़ा प्रश्न है?

*रैक लोडर मां का दूधमुंहा बच्चे का शोषण*

शासन प्रशासन चाहे जितनी वाह वाही करें पर कटनी जिले की बरही तहसील के अंतर्गत संचालित भारत सरकार का उपक्रम का प्रमुख कर्ताधर्ता सेल प्रबंधन व ठेकेदार और बीच के दलाल कमीशन के फेर में दूधमुंहे बच्चे के अधिकारों को डकार जाते हैं मजदूरों की मानें तो रैक लोड करने वाली महिलाएं प्रसूति की छुट्टी पूर्ण करनें के बाद जब दूधमुंहे बच्चे को लेकर रैक लोडिंग करनें जाती है तो बच्चों को न लेटाने की सुविधा न उनके पौष्टिक भोजन की व्यवस्था खिलाने के लिए न दार्ई की नियुक्ति छोटे छोटे बच्चों के खिलौना की भी व्यवस्था नहीं किया जाता हर मां अपने बच्चों को या तो घर पर रोता बिलखता भूखा प्यासा छोड़कर रैंक लोडिंग करने जाती है या अगर साथ ले भी गई तो ठेकेदार के द्वारा छोटे-छोटे बच्चों की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती हर मां अपने दूधमुंहे बच्चे को रैक के नीचे लेटा कर काम करती है पूरा अंग्रेजी शासन हावी है आज भी रेल्वे साइडिंग में

*दर्द बुखार की गोली मुंशी देते है*

रेल्वे साइडिंग में मजदूरों के जीवन से ठेकेदार खिलवाड़ करता है मजदूरों के द्वारा बताया गया कि काम करते-करते किसी मजदूर को बुखार व शरीर दर्द हुआ तो यहां के मुंशी गोली दे देते हैं सेल प्रबंधन व ठेकेदार और दलालों की मिली भगत से मजदूरों को शोषण जमकर किया जा रहा है और उसके जीवन से भी खिलवाड़ भी किया जा रहा है ठेकेदार को मजदूरों के शोषण करने का अधिकार आखिर किसने दे रखा है।।।।।

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