रामनगर स्कूल के मैदान में अतिक्रमण का खेल,तथा कथित गरीब ,विकास की रेल *अतिक्रमण के खिलाफ नही हो पा रही कार्यवाही*
सरकारी मॉडल स्कूल पर बाउंडरी के अंदर रोज बढ़ रहा अतिक्रमण, स्कूली बच्चो के खेल के मैदान में राजनीतिक सफेदपोशों के चन्गू मन्गुओ के तन गए निजी आवास,वही से चल रहा सुअर पालन का व्यवसाय, वही बड़ी एलटी लाइन से खतरा बरकरार, प्राप्त खबर के अनुसार डीईओ कार्यालय सतना से अतिक्रमण हटाने के पत्र व मॉडल स्कूल के शिकायती पत्र,बने अनुविभागीय कार्यालय के रद्दी की शोभा,प्राप्त खबर के अनुसार रामनगर मसमासी रोड पर संचालित शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की आरक्षित सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रामको की नजरें इनायत है,जिसके चलते नगर की तत्कालीन सत्ता परस्त ताकतों के दम पर सम्बन्धित ठेकेदार ने अतिक्रमण के चारो तरफ बाउंडरी बना दी,और तात्कालिक क्षेत्रीय प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण नही हटाया,जिसके चलते स्कूली छात्र छात्राओं के खेलने के लिए मैदान ही नही बचा,और तो और क्षेत्रीय तात्कालिक प्रशासन भी अवैध अतिक्रमण हटाने में दिलचस्पी नही दिखा रहा विद्यालय प्रबंधन ने कई बार तहसील दार /एसडीएम कार्यालय को सूचना,शिकायत पत्र भेजकर अवैध अतिक्रामको के खिलाफ कार्यवाही कर,सरकारी स्कूल के खेल मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराने का निवेदन किया लेकिन कथित सत्ता पक्ष से जुड़े सपूतों ने कोई कार्यवाही नही करने दी, और तो और उन्हें बिजली ,पानी व उनके लिए अलग गेट की व्यवस्था करके ,संरक्षित कर बच्चो,भविष्य के सार्वजनिक हित को किनारे करते हुए फल स्वरूप क्षेत्र की मॉडल संस्था के खेल मैदान को निगलकर वोट बैंक की फसल काटी जा रही है, इस सम्बंध में विद्यालय के वर्तमान प्राचार्य राजेश द्विवेदी ने बताया कि विभाग के वरिष्ठ कार्यालयों सहित क्षेत्रीय प्रशासनिक कार्यालयों में सूचना जानकारी प्रेषित की गई है सवाल बच्चो के लिए खेल मैदान का है, और खेल के लिए जमीन नही है पूर्व में काफी जमीन पर अवैध कब्जा था जिसे कुछ स्तर पर हटाया भी गया था,लेकिन अब भी स्थिति सुधरी नही है जिससे क्षेत्रीय अभिभावक जंहा स्कूल परिसर से अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे है वही स्थानीय प्रशासन अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही करने में खुद को अक्षम पा रहा है,उक्त मामले में एसडीएम रामनगर डॉ-आरती सिंह का कहना है कि,निर्माण कार्य पुराना है पहले से ही स्कूल की जमीन पर अवैध अतिक्रमण के अंदर बाउंडरी बना दी गई है,निर्माण कार्य के पूर्व ही अवैध अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए था,मगर अब तक नही हट पाया,जिस सम्बन्ध में शाशन के दिशा निर्देशों के आधार पर कार्यवाही होगी,!आलम यह है कि एक तरफ जंहा पहले लोग सरकारी स्कूलों,अस्पतालों, गौशालाओं, मुक्तिधामो के निर्माण के लिए निजी जमीन दान करते थे,आज,इन सब के लिए आरक्षित जमीनों पर लोग निजी कब्जा करके,सत्ता, या दबंगी, या तथाकथित गरीबी की शक्ति दिखाते देखे जा सकते है,कई बार सोसल मीडिया,समाचार पत्रों के माध्यम से सम्बंधित जिम्मेवारो जबाबदारो का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिशों के बाद भी अगर जिस ,संभाग या प्रदेश पर बैठे हुए आला अफसर अगर संज्ञान लेकर कुछ जमीनी कार्यवाही करें तो मॉडल स्कूल के बच्चो के लिए भी कुछ आउट डोर खेल खेलना सम्भव हो सके,तब तकबड़ी एलटी लाइन के नीचे ही तमाम आउट डोर क्रीड़ा गतिविधियां संचालित होती देखी जा सकती है,!।।।