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*डभौरा, रेलवे स्टेशन,सही ढंग से गूगल मैप्स न होने के कारण आज भी डबरा, बता रहा हैं*

डभोरा। स्टेशन का नाम जो की बड़ी मिस्टेक को उजागर कर रहा है जहां यहां पर 15 से 20 के संख्या में चलने वाली ट्रेन का आना-जाना लगा रहता है काफी लोगों की भीड़ भी आती जाती रहती है रिजर्वेशन एवं टिकट बुकिंग का कार्य भी बड़े तेजी से चलता है लेकिन कुछ चीजों पर सुधार नहीं हो पाया जैसे की यात्रियों के लिए रुकने की स्टेशन के अंदर कोई , कमरा रेस्टोरेंट टॉयलेट की व्यवस्था होते हुए भी नहीं चालू हो पाई है लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही है पानी भी की विशेष समस्या है साथ ही सबसे बड़ी समस्या ट्रेनों के रुकने पर रिजर्वेशन कौन डिब्बा कहां पर है कहां लगता है किसी को पता नहीं रहता स्टेशन डभौरा में जैसे भी डिब्बे रुकते हैं रिजर्वेशन एसी स्लीपर उनके सामने अतिरिक्त लगे खाभो पर , कोच नंबर लिखने की व्यवस्था की जाए जिससे कि यात्रियों को मालूम चल सके कि हमारा रिजर्वेशन किया हुआ डिब्बा किस स्थान पर लगेगा जिससे कि आम लोगों को सहूलियत मालूम हो सके ऐसा कार्य करने को रेलवे को अति आवश्यक है विकलांगों के लिए बनाई गई टॉयलेट महिलाओं के लिए बनाई गई टॉयलेट बाथरूम हरदम ताला लगा रहता है खुलता नहीं है उसे सुचारू रूप से खोलने की व्यवस्था की जाए जीआरपी उप चौकी मंजूर होने के बाद भी आज दिनांक तक जीआरपी कर्मचारियों को कमरा ना मिलने के कारण ड्यूटी ना करने पर मजबूर है जिनकी व्यवस्था अति शीघ्र कमरे की कराई जाए जिससे कि जीआरपी रेलवे स्टेशन डभौरा में रुकने की व्यवस्था हो सके स्टेशन पर परिसर पर ऑटो पार्किंग निर्माण कराया जाए अवैध रूप से स्टेशन के परिसर के अंदर घुसने वाली ऑटो का बैन किया जाए नगर परिषद डभौरा द्वारा बैन कर दिया गया है।, बाजार के अंदर घुसने के लिए जिसे रोकना आति आवश्यक हैं, स्टेशन परिसर के अंदर एवं बाहर कैमरा लगाकर व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाए अगर रेलवे प्रशासन चाहे तो जो उनकी रेलवे स्टेशन में टॉयलेट एवं विश्राम गृह जो बने हुए हैं उनका चार्ज भी पब्लिक से ले सकता है निर्धारित शुल्क के तहत और व्यवस्थाएं सभी दुरुस्त करें जिससे कि आम लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सके अवैध रूप से वेंडर का प्रतिबंधित किया जाए एरिया में रेलवे परिसर पर जिससे कि ट्रेनों के अंदर नशे की सामग्री गुटका पान सिगरेट प्रतिबंधित हो सके जो कि शासन के नियमों गाइडलाइन पर है सिटीजन बुजुर्गों का अलग-अलग से केबिन बनाकर उनको सुविधा उपलब्ध कराकर आम लोगों को राहत देने का कार्य करें तभी एक आदर्श स्टेशन के रूप पर इसकी पहचान हो सकेगी इस संबंध में क्षेत्रीय समाजसेवी एवं व्यापारी वर्ग महिलाएं बुजुर्ग युवा वर्ग द्वारा शासन प्रशासन से मांग की जाती है गूगल एप्स से नाम सुधार कर सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चालू की जाए!!!।।

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