रविवार अवकाश के दिन हुई दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया, सर्वहारा वर्ग की अनदेखी
पूँजीपतियों क़ो लाभ पहुंचाने के लिए कलेक्टर गाइड लाइन से अधिक मूल्य निर्धारण के आरोप
कटनी। रविवार आवकाश में नगर परिषद की करोड़ों की दुकानों के मनमाना आरक्षण प्रक्रिया और कलेक्टर के बिना अनुमति लिए ही पूर्व के अरक्षण में फेरबदल कर पूँजीपति परिषद अपने चहेतों क़ो लाभ देने की कवायद में गरीब सर्वहारा वर्ग की सस्तेदर पर दुकाने लेने के सपने संजोये माध्यम वर्ग क़ो सिरे से ख़ारिज महंगी दुकानों क़ो हासिल करने की दौड़ से ही बाहर कर दिया।
बरही नगर परिषद के मुख्य नगर परिषद अधिकारी इन दिनों शासकीय अवकाश के दिन दुकानों के आरक्षण प्रक्रिया और नियमों क़ो तिलांजलि देने के कारण सुर्खियो में आ चुके हैं। जानकारी के मुताबिक रविवार की सुबह 09 बजे दी बैठक की सूचना कुछ पार्षद तक पहुंची और कुछ तक नहीं पहुंची या जानबूझकर नहीं पहुंचने दी गई, शायद मनमानी पूर्ण आरक्षण में खलल न पड़े।
बरही नगर परिषद के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधि का कारनामा फिर सुर्खियों में है जिसमे दिव्यांगों के लिए एक भी दुकान आरक्षण एवं पूर्व प्रस्ताव का भी ख्याल नहीं रखते हुए कलेक्टर गाइड लाइन का मखौल उड़ाया गया है।
बरही के नए बस स्टेण्ड में बनी अधूरी व सुविधा बिहीन 62 दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है जिस पर बिना सुविधा मुहैया कराये एवं पूर्व प्रस्ताव निरस्त कर कलेक्टर से नए प्रस्तावअनुमोदित किए ही मनमानी कर अचानक विसंगति पूर्वक 28 दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर लेने के आरोप कांग्रेस पार्षदपति ने लगाए हैं।
उनका आरोप है कि परिषद के अधिकारियों ने सुबह 09 बजे पार्षदों को बैठक की अचानक सूचना भेजी जिसकी वजह से रविवार अवकाश व व्यस्तता के चलते कई पार्षद उपस्थित नहीं हो सके। और 62 दुकानों में से 28 दुकानों के आरक्षण की प्रक्रिया नगर परिषद के सभागार में कुछ चहेते पार्षद व जनप्रतिनिधि के बीच पूरी कर दी गई। 👉 रविवार अवकाश में दुकानों की आरक्षण प्रक्रिया,पूर्व का प्रस्ताव बदल गया
छुट्टी का दिन होने से प्रक्रिया में गिनती के पार्षद ही उपस्थित रहे। इस दौरान दिव्यांगों के लिए एक भी दुकान आरक्षित नहीं की गई है और पूर्व परिषद के प्रस्ताव का भी ख्याल नहीं रखा गया है।
👉पार्षद पति ने लगाए आरोप, आरक्षण प्रक्रिया में पूँजीपतियों क़ो लाभ पहुंचाने के लिए की गईं मनमानी पूर्व प्रक्रिया
कांग्रेसी पार्षद पति ने बताया गया कि वर्तमान समय में 62 दुकान नगर परिषद द्वारा नए बस स्टैंड में में बनी हुई हैं जिनमें सुविधाएं भी अधूरी हैं जिसमें से प्रथम सम्मिलन में 28 दुकानों के आरक्षण की कार्यवाही की गई। बाकी 34 दुकानों का आरक्षण और प्रक्रिया व नीलामी पर संसय है।पार्षद पति अमित गुप्ता ने आरोप लगाते हुए बताया कि यदि सभी दुकानों के आरक्षण और नीलामी की प्रक्रिया इकट्ठी की जाती तो आरक्षण का कोटा और बढ़ जाता जिसमें दिव्यांग क्षेणी के लोगों को भी कुछ दुकान मिल सकती थी।लेकिन जिम्मेदारों ने इसका ख्याल न रखकर मनमाने तरीके से आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की है।
👉इनके लिए आरक्षित की दुकानें- आरक्षण में
03 दुकानें अनुसूचित जनजाति, 03 दुकानें अनसूचित जाति, 01 दुकान अन्य पिछड़ा वर्ग और 01 दुकान अनारक्षित कल्याणी महिला के लिए आरक्षित की गई है। बांकी 20 दुकानें खुली स्पर्धा में कोई भी ले सकता है। दुकानों की निर्धारित शासकीय राशि 06 लाख 09 हजार है, जो दुकानों की साईज के हिसाब से कलेक्टर गाइड लाइन से बहुत ज्यादा है। इसके पूर्व के
आरक्षण प्रक्रिया में इन्ही दुकानों की शासकीय नीलामी 03 लाख रखी गई थी।
👉नीलामी की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी।
पारित प्रस्ताव की निंदा करते हुए पार्षद पति श्री गुप्ता ने आरोप लगाया है कि 01 वर्ष पूर्व पड़े परिषद के प्रस्ताव का ख्याल न रखते हुए दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई,जबकि परिषद के प्रस्ताव में स्पष्ट लिखा है कि बस स्टैंड में जरूरी सुविधाएं शौचालय और नाली निर्माण होने के बाद ही दुकानों की नीलामी की जाएगी। वहीं दुकानों के आरक्षण की पर्ची डिब्बे से निकालने के लिए पार्षदों से ही निकलवाई गई जो त्रुटि पूर्ण था।
👉 इनका कहना है – 62 दुकानों में से
28 दुकानों के आरक्षण की प्रक्रिया दुकानों की लागत व कलेक्टर रेट से की गई है।
रामशिरोमणि त्रिपाठी, सीएमओ बरही।