प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के एक वर्ष पूरे होने पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
भारत सरकार के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के एक वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय कार्यक्रम वर्धा (महाराष्ट्र) में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सम्बोधित किया जिसका सीधा प्रसारण माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय रीवा के आडिटोरियम में देखा व सुना गया।
वर्धा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि परंपरागत कौशल को नई ऊर्जा देने का संकल्प है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना। परंपरागत कार्य करने वालें 18 व्यवसायों के लिये लोगों को सम्मान, सामर्थ व समृद्धि देने की मूलभावना इस योजना में निहित है। पारंपरिक कौशल व स्वदेशी हुनर ही हमारा आधार है। गांधी जी ने भी ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने का संदेश दिया था। जरूरत इस बात की है कि इन्हें आगे बढ़ाया जाय ताकि हमारे कुटीर उद्योग राष्ट्रीय व अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। उन्होंने कहा कि इस योजना से एक वर्ष में 30 लाख लोगों को जोड़कर 8 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया और 6 लाख 50 हजार विश्वकर्मा भाईयों को आधुनिक उपकरण दिये गये तथा इन्हें 1400 करोड़ रूपये का ऋण भी इस अवधि में उपलब्ध कराया गया।
रीवा के माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने तथा परंपरागत व्यवसाय करने वालों को 18 विभिन्न व्यवसायों के लिये प्रशिक्षण देकर तथा ऋण उपलब्ध कराकर उनको आगे बढ़ाने में यह योजना मददगार साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के व्यवसाय करने वाले व्यक्ति देश की रीढ़ है। उनके विरासत में मिले या अपनी प्रतिभा से प्राप्त हुनर को बढ़ावा देकर आर्थिक तौर पर सशक्त करने का प्रधानमंत्री जी का प्रयास वंदनीय है। प्रधानमंत्री जी ने समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति व गांव के प्राचीनतम परंपरागत व्यवसाय विधाओं को ध्यान में रखकर योजना बनाई है। जिसके माध्यम से हितग्राही समृद्ध होगे। श्री शुक्ल ने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन में संबंधित विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें और रीवा को देश में सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के हितग्राहियों को लाभ दिलाने वाला जिला बनायें। श्री शुक्ल ने कहा कि आज के कार्यक्रम के सीधे प्रसारण के लिये मध्यप्रदेश में तीन जिलों का चयन किया गया उसमें रीवा भी शामिल है जो यह दर्शाता है कि केन्द्र सरकार में भी रीवा में हो रहे विकास व हितग्राही मूलक कार्यों की चर्चा है अत: योजना के तहत प्रशिक्षण, टूल वितरण व ऋण स्वीकृत में तत्परता बरतें।
इस अवसर पर सांसद श्री जनार्दन मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का प्रयास ही इस योजना का उद्देश्य है। ग्रामीण उद्योगों को मजबूत करने के लिये गांधी जी ने ग्राम स्वराज की स्थापना की थी इन 18 व्यवसाय को आधुनिक तौर पर बढ़ावा देकर वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के प्रयास प्रधानमंत्री जी द्वारा किये जा रहे हैं ताकि हमारा देश आर्थिक तौर पर और भी मजबूत हो सके। उन्होंने व्यवसाय से जुड़े जरूरतमंद हितग्राहियों को लाभ दिलाने की बात कही। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल ने कहा कि योजना से विश्वकर्मा भाईयों के कौशल उन्नयन में वृद्धि होगी तथा इसका लाभ लेकर वह आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे। विधायक मनगवां इंजी. नरेन्द्र प्रजापति ने कहा कि जिस सूझबूझ के साथ प्रधानमंत्री जी देश को आगे ले जा रहे हैं उसी सूझबूझ से जिले को समृद्धशाली बनाने में उप मुख्यमंत्री जी एवं सांसद जी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने हितग्राहियों से आगे आकर लाभ लेने की अपील की। इससे पूर्व संयुक्त संचालक दीपक गंगाजली वाले ने योजना के विषय में जानकारी देते हुए संभाग में अब तक हुई प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अभी तक 2495 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा 55 हजार हितग्राहियों ने अपना पंजीयन योजनान्तर्गत कराया है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के हितग्राहियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये तथा प्रथम किश्त के तौर पर एक लाख रूपये की राशि का चेक उप मुख्यमंत्री ने प्रदान किये। उप मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी/सह व्यापार मेले का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में अध्यक्ष नगर निगम व्यंकटेश पाण्डेय, कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल, वार्ड पार्षद श्रीमती विमला सिंह, पूर्व महापौर राजेन्द्र ताम्रकार, डॉ. आशीष द्विवेदी, अध्यक्ष गंगेव जनपद विकास तिवारी, त्रियुगी नारायण शुक्ल, विधायक प्रतिनिधि राजेश पाण्डेय सहित आईटीआई के अधिकारी, कर्मचारी एवं हितग्राही उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विवेक नामदेव ने किया तथा आभार प्रदर्शन प्राचार्य आईटीआई एस.एन. मिश्रा द्वारा किया गया।