बगैहा के पीड़ित किसान ने लगाया हल्का पटवारी एवं आरआई पर गुमराह करते हुए एक पक्षीय फैसला कराने का आरोप बिना सूचना दिए अनावेदक किसान के विरुद्ध कर दिया गया फैसला*
पीड़ित किसान का कहना नही मानूंगा हार पुनः जनसुनवाई पहुंचकर कलेक्टर साहब को बताऊंगा पूरी कहानी किस तरह पटवारी आरआई कि मिलीभगत से नायब तहसीलदार द्वारा कर दिया गया फैसला*
कटनी जिला के अंतर्गत बरही तहसील कार्यालय में पदस्थ हल्का पटवारी एवं राजस्व निरीक्षको से क्षेत्र भर के किसान परेशान हैं और पीड़ित किसानों द्वारा आएदिन जमीन से सम्बंधित कार्यो को लेकर आरोप भी लगाए जाते हैं कही सीमांकन को लेकर कही नामातंरण को लेकर तो कही बटांकन एवं नक्शा सुधार को लेकर लेकिन अभी जो मामला निकलकर सामने आया जिसमे पीड़ित किसान एवं किसान कि पत्नी द्वारा अपने हल्का पटवारी पर एक पक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए जिलाधीस से न्याय कि गुहार लगाई जा रही है
इस सम्बंध में आवेदिका रामलली तिवारी के पति प्रकाशचंद्र तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम बगैहा स्थित भूमि खसरा नम्बर 868/1 जो कि हमारी पुस्तैनी जमीन है और उसमें कई वर्षों से काबिज हैं तथा 868/2 गांव के ही अनुज विश्वकर्मा पिता प्रकाशचन्द्र विश्वकर्मा द्वारा जयंत गोस्वामी से क्रय की गई थी जिसकी चौहद्दी बैनामा में अपने मनमानी तौर पर लिखाई गई है क्योंकि उक्त जमीन का नक्शा बटांकन नही हुआ था यह आम बाग था 2020 -21 में आंधी तूफान के कारण पेढ़ भी गिर गए थे जिसकी लकड़ी हमारे द्वारा कटवाई गई थी एवं जेसीबी से मिट्टी कि खुदाई करवाई गई थी जब अनुज विश्वकर्मा द्वारा दिनांक 23,3,2023 को नक्शा बटांकन का प्रकरण नायब तहसील कार्यालय पिपरिया कला में दर्ज कराया गया जिसमें पूर्व पटवारी मोहन सिंह बरकड़े के अनुसार बैनामे के आधार पर बटांकन का प्रस्ताव दिया गया जिसमें हमारे द्वारा आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी नायब तहसीलदार द्वारा पुनः जुलाई 2024 राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी से निरीक्षण प्रतिवेदन मंगवाया गया जिसमें आरआई गजेन्द्र राय एवं पटवारी राजेन्द्र सिंह राठौर द्वारा गुमराह करते रह गए और कपने कार्यालय में ही बैठे बैठे अन्य गांव के साक्ष्यो के हस्ताक्षर कराकर झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई एवं 16/ 8/ 2024 को नायब तहसीलदार द्वारा आदेश कर रिकॉर्ड दुरुस्त करा दिया गया जिसकी जानकारी पीड़िता किसान व पति को नही मिली जब 30/ 8/ 2024 को तहसील कार्यालय में गए तब हमें पता चला कि उक्त प्रकरण का आदेश 16/ 8/ 2024 को होकर रिकॉर्ड रिकॉर्ड दुरुस्त कर दिया गया है