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शाखा प्रबंधक के दोहरे हस्ताक्षर से प्रस्तुत हल्फनामा बन सकता है गले की फांस

म.प्र ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक बरही कारनामा, न्यायालय को गुमराह करने से भी नहीं चुकीं

कटनी। वैसे तो लेनदेन और हस्ताक्षर मिलान की गोपनीय प्रक्रिया व आहरण संवितरण की लिखित विश्वसनियता के मामले मे बैंक का कोई सानी नहीं है और 01-01 पैसे के हिसाब किताब व लेनदेन के अपवंचन से जुड़े मामले मे बैंकिंग लोकपाल व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के तहत ही बैंको का संचालन होता है किन्तु बरही स्थित मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक की शाखा प्रबंधक से जुड़ा एक सनसनीखेज खुलासा समाने आया है। गोपनीय व सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शाखा प्रबंधक के विरुद्ध भ्रष्टाचार व दलाली के आरोप मे विराम नहीं लगा वहीं अब मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक की न्यायालीन प्रक्रिया मे शाखा प्रबंधक की दोहरी हस्ताक्षर युक्त हल्फनामे की जानकारी ने और प्रबंधक की विवादित कार्यशैली को हवा दे दी।
कहीं कागजी कोरम पूरी करने की जल्दवाजी मे बैंकीय कार्य सम्पादन मे घोर अपराध के संकेत हैं।
बताते चलें कि बरही स्थित मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक के इशारे पर गांव गांव दलाल पाले हुए हैं जिनके जरिये बैंक लोन व न्यायालीन प्रक्रिया मे जाली हस्ताक्षर किसके इशारे मे हुए और इस कूटरचना मे कौन शामिल है यह तो उच्च स्तरीय जाँच मे ही स्पष्ट हो पाएगा बहरहाल 24घंटे के भीतर लाखों के कर्ज स्वीकृत होने के पीछे कुछ माजरा तो है चाहे हितग्राही के पास भूमि,भवन व कोई अस्ति न हो फिर कर्ज की अदायगी भी चर्चा मे है।

कर्ज लेने बैंक पहुंचने वाले हितग्राहियों के प्रस्तुत दस्तावेजों मे मीनमेख निकालने की पटकथा

शाखा प्रबंधक द्वारा जानबूझकर मीनमेख निकालते हुए दो तीन सौ के खर्च में निकलने वाली रजिस्ट्री की प्रति के बदले दो हजार से पच्चीस सौ वसूल किए जाते हैं साथ ही जाली दसख्त से बने शपथपत्र के बदले भी भारी लूट मचा रखी है।

आरबीआई और बैंकिंग लोकपाल की सरल प्रकिया व निर्देशों को ताक पर रखकर बांटे जा रहे कर्ज
सूत्रों से मानें तो जटिल प्रक्रिया का भय दिखा कर शाखा प्रबंधक द्वारा स्वहित साधने के लिए दलालों के माध्यम से अनाप शनाप खर्च वसूले जाने से हितग्राही खासा परेशान हैं।
सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक मे पदस्थ महिला शाखा प्रबंधक के कार्यकाल के कर्ज प्रकरण के दस्तावेजों का परीक्षण व भौतिक सत्यापन व जाँच की जाने से बहुत बड़ा घोटाला उजागर होने के संकेत मिले हैं। विकास श्रीवास्तव

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