*खास खबर* *अब ऑटो और ई रिक्शा से स्कूल नहीं जा सकेंगे बच्चे, कलेक्टर के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश, कोई अनहोनी हुई तो जवाबदारी स्कूल प्रबंधन की होगा*
कटनी। जिले में संचालित अशासकीय विद्यालयों में संलग्न वाहनों को लेकर विगत 12 अगस्त को आयोजित टीएल बैठक में कलेक्टर दिलीप यादव ने सख्त तेवर अपनाते हुए यह फरमान जारी किया कि अब जिले में संचालित प्राइवेट स्कूलों में ऑटो एवं ई रिक्शा से बच्चों का आना जाना पूर्णत प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए की कक्षा 1 से 12 तक जिले में संचालित समस्त अशासकीय विद्यालयों में संलग्न वाहनों में छात्र सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये सभी तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार समस्त अशासकीय विद्यालयों में संलग्न वाहन माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन, मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 व म०प्र० मोटरयान नियम 1994 के अनुसार संचालित होंगे। वाहन संचालन के संबंध में आर.टी.ओ द्वारा समस्त प्रमाणित दस्तावेज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वाहन चालक का आर.टी.ओ द्वारा जारी जीवित ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। इसके साथ ही बसों में फर्स्ट एड सुविध, एमरजेंसी एक्जिट, fire extinguisher की उपलब्धता, पुरुष व महिला कर्मी कंडक्टर, वाहन में अनिवार्य रूप से सी.सी. टीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर, पैनिक बटन, जी. पी एस सिस्टम लगा होना चाहिए, निर्धारित सीट कैपेसिटी के अनुसार बैठक होना चाहिए।
*आटो व ई रिक्शा द्वारा छात्रो का परिवहन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।*
समस्त संचालक छात्रों के परिवहन हेतु वाहनों में निर्धारित सीट कपेसिटी के अनुसार बैठने की अनुमति प्रदान करें। ओवर लोड या किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होती है तो इसका पूर्ण उत्तरदायित्व विद्यालय संचालक का होगा एवं कार्यालय से अनुशासनात्मक व दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उक्त समस्त बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुये अशासकीय विद्यालयों में वाहन संचालन कार्य किया जाये।
खास खबर
अब ऑटो और ई रिक्शा से स्कूल नहीं जा सकेंगे बच्चे, कलेक्टर के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किए प्रतिबंधात्मक आदेश, कोई अनहोनी हुई तो जवाबदारी स्कूल प्रबंधन की होगी
कटनी। जिले में संचालित अशासकीय विद्यालयों में संलग्न वाहनों को लेकर विगत 12 अगस्त को आयोजित टीएल बैठक में कलेक्टर दिलीप यादव ने सख्त तेवर अपनाते हुए यह फरमान जारी किया कि अब जिले में संचालित प्राइवेट स्कूलों में ऑटो एवं ई रिक्शा से बच्चों का आना जाना पूर्णत प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए की कक्षा 1 से 12 तक जिले में संचालित समस्त अशासकीय विद्यालयों में संलग्न वाहनों में छात्र सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये सभी तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार समस्त अशासकीय विद्यालयों में संलग्न वाहन माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन, मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 व म०प्र० मोटरयान नियम 1994 के अनुसार संचालित होंगे। वाहन संचालन के संबंध में आर.टी.ओ द्वारा समस्त प्रमाणित दस्तावेज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वाहन चालक का आर.टी.ओ द्वारा जारी जीवित ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। इसके साथ ही बसों में फर्स्ट एड सुविध, एमरजेंसी एक्जिट, fire extinguisher की उपलब्धता, पुरुष व महिला कर्मी कंडक्टर, वाहन में अनिवार्य रूप से सी.सी. टीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर, पैनिक बटन, जी. पी एस सिस्टम लगा होना चाहिए, निर्धारित सीट कैपेसिटी के अनुसार बैठक होना चाहिए।
आटो व ई रिक्शा द्वारा छात्रो का परिवहन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। समस्त संचालक छात्रों के परिवहन हेतु वाहनों में निर्धारित सीट कपेसिटी के अनुसार बैठने की अनुमति प्रदान करें। ओवर लोड या किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होती है तो इसका पूर्ण उत्तरदायित्व विद्यालय संचालक का होगा एवं कार्यालय से अनुशासनात्मक व दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उक्त समस्त बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुये अशासकीय विद्यालयों में वाहन संचालन कार्य किया जाये। विकास श्रीवास्तव