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सीमांकन होने के बावजूद बरही राजस्व द्वारा वृद्धा को नही दिलाया गया कब्जा वर्षो से स्वयं का अधिकार पाने के लिए भटक रही पीड़िता सिया लगा रही शासन प्रशासन से न्याय कि गुहार

मध्य प्रदेश में प्रदेश सरकार महिलाओं को लेकर कितनी फिक्रमंद है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विगत एक साल से एक 70 वर्षीय बेसहारा विधवा बुजुर्ग महिला जो बरही तहसील कार्यालय के अपनी ही जमीन को पाने के लिए चक्कर पर चक्कर लगा रही है और उसे जमीन का सीमांकन होने के बाद भी विगत एक साल से न्याय नहीं मिला जिसके चलते पीड़िता सिया बाई आय दिन 15 किलोमीटर का सफर तय कर बरही पहुंचकर साहबो के दफ्तरों के दरबाजे खटखाने के लिए मजबूर हैं जिसकी कोई सुनाई नही हो रही है तहसील कार्यालय द्वारा पीड़िता आवेदिका को तारीखो पर तारीख दी जा रही है

दरअसल हम बात कर रहे हैं
कटनी के बरही तहसील अंतर्गत ग्राम कुठिया मोहगवा निवासी विधवा बेसहारा महिला सियाबाई उपाध्याय पति स्व रघुनाथ प्रसाद उपाध्याय की जिसकी खेती की जमीन पर गांव के ही अनावेदक दबंग राजेन्द्र उपाध्याय अविनाश उपाध्याय विनीत उपाध्याय द्वारा कब्जा कर लिया गया और अपनी ही जमीन को लेकर विगत एक वर्ष से बेसहारा बुजुर्ग महिला तहसील कार्यालय का चक्कर काटने के लिए मजबूर है बुजुर्ग महिला की खेती की जमीन पर वही के दबंगों का कब्जा बताया जा रहा है। जिसका खसरा नंबर 1752 रकवा 1.56 हेक्टर है। वही खसरा नंबर 1784/1 17484/2 में से सीमांकन के बाद लगभग 0.4हेक्टर भूमि पर क्रमांक 1 पर कब्जा मिला एवम क्रमांक 2 का लगभग 0.25 हेक्टर भूमि पर कब्जा सीमांकन पर पाया गया लेकिन विगत एक साल से बेसहारा बुजुर्ग महिला तहसील और थाने के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है। लेकिन उसे अपनी ही भूमि पर कब्जा पाने के लिए स्थानीय प्रशासन कार्यालय के चक्कर लगाने मजबूर होना पड़ रहा है बात करें तो सीमांकन के बाद बरही राजस्व विभाग विधवा बुजुर्ग महिला को कब्जा नहीं दिला पाया अब पीड़िता सिया बाई ने अपनी ही जमीन का मालिकआना हक पाने कटनी जिला कलेक्टर से गुहार लगाई है। बात करें तो अकेली बुजुर्ग बेसहारा विधवा महिला को न्याय मिलेगा या यूं ही उसे भटकना पड़ेगा। विकास श्रीवास्तव

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