प्रसव के रेफरल मामलों में लापरवाही करने पर 12 स्वास्थ्य कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी
दो डाक्टर, दो नर्सिंग ऑफिसर, 3 सी.एच.ओ, 4 ए.एन.एम व 1 सुपरवाईजर शामिल
कटनी – कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा स्वास्थ्य महकमें को प्रसव के रेफरल प्रकरणों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं किये जाने के सख्त निर्देश दे रखे है। उन्होंने स्वास्थ्य अमले को स्पष्ट हिदायत दी है कि संस्थागत प्रसव कराये जायें, अनावश्यक रूप से सामान्य प्रसव के मामलों को रेफर नहीं किया जाये, हाईरिस्क मामलों में संवेदनशीलता बरती जाये। ताकि जिले की मातृ मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। साथ ही गर्भवती महिला की एएनसी के दौरान निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत सभी आवश्यक जांचें पूर्ण कराई जायें। इन सब मामलों में कोताही बरतने और अनदेखी करने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर श्री प्रसाद स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान जिले के प्रसव के रेफरल मामलों की नियमित समीक्षा कर रहे है। इस दौरान उन्होने जिन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गर्भवती महिलाओं की निर्धारित प्रोटोकाल के तहत नियमानुसार ए.एनसी जांच नहीं की गई थी उन सभी स्वास्थ्य कर्मियो के विरूद्ध गहन नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण तलब करनें के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी को दिये है।
*इन स्वास्थ्य कर्मियों को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस*
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर.के.आठ्या द्वारा जिन स्वास्थ्य कर्मियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है उनमें सी.एच.सी बहोरीबंद के चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग शुक्ला, नर्सिंग आफिसर मीनाक्षी पिल्ले और पी.एच.सी बिलहरी रीठी के चिकित्सा अधिकारी डॉ भावेश गुप्ता और नर्सिंग आफिसर ममता नरवरे, उपस्वास्थ्य केन्द्र रामपुर बहोरीबंद की एएनएम रीता गुप्ता व सीएचओ जितेन्द्र यादव और उपस्वास्थ्य केन्द्र स्लीमनाबाद, बहोरीबंद की एएनएम सावित्री सिंह व सुपरवाईजर शिव कुमार ठाकुर, उपस्वास्थ्य केन्द्र पटोरी बहोरीबंद की एएनएम प्रेमकुमारी मसीह एवं सीएचओ अनामिका तिवारी तथा उपस्वास्थ्य केन्द्र मझगवां रीठी के एएनएम कल्पना पटेल और सीएचओ नीलेश साहू को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनमें से कई मामलों में गर्भवती महिला की एएनसी के दौरान मात्र एक जांच ही जांच किया जाना पाया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को दो दिवस के भीतर देने हेतु निर्देशित किया गया है।